11 दिनों की दहशत के बाद पिंजरे में बंद हुआ बाघ

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समाचार सच, अल्मोड़ा। जिला अल्मोड़ा के कूंपी गांव में 11 दिनों से दहशत का पर्याय बना बाघ पिंजरे में कैद हो ही गया। ड्रोन कैमरे से इसका खुलासा होने पर डीएम की अगुआई में एसओजी व रेस्क्यू दल मौके पर पहुंचा और पिंजरे को ढक दिया। ताकि गुस्से में हिंसक बाघ खुद को ही चोट न पहुंचा दे।

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आपको बताते चले कि सल्ट ब्लॉक स्थित कूंपी गांव में बीते एक मार्च को जंगल से मवेशियों के लिये घास लेने गयी गुड्डी देवी (59) पर हमला बोल बाघ ने उसे मार डाला था। जिससे गुस्साए स्वजनों व ग्रामीणों ने मुरादाबाद बुवाखाल पौड़ी हाईवे पर शव रख पांच घंटे तक चक्काजाम भी किया था। विरोध के बाद वन विभाग द्वारा बाघ को पकड़ने के लिये जंगल में पिंजरा लगाया गया।

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इधर वन विभाग के अनुसार बाघ ने महिला को शिकार बनाने के बाद उसने अचानक पैंतरा बदल लिया था। क्योंकि बाघ बगैर दहाड़े खामोशी से क्षेत्र में डेरा जमा लिया था, जिससे वन विभाग की चुनौतियां भी बढ़ गई थीं। कर्मियों द्वारा दिनरात कांबिंग की गयी, लेकिन सफलता हाथ नहीं लग पा रही थी। इस बीच डीएफओ महातिम सिंह यादव खुद भी पिछले तीन दिनों से इलाके में ही कैंप रहे। वन विभाग के अनुसार कैद किए गए बाघ को कड़ी सुरक्षा में नैनीताल जू ले जाया जा रहा है। चिकित्सीय परीक्षण भी वहीं किया जाएगा।

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