मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से आपको क्या-क्या फायदे होते हैं, आस-पास भी नहीं फटेगी बीमारियां

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। आजकल खाना बनाने के लिए एल्युमिनियम और स्टील के बर्तनों को इस्तेमाल किया जाता हैं। इसकी बजाए मिट्टी के बर्तन में बना खाना आपकी सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। प्राचीन काल में मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाया जाता था इसलिए लोग पहले बीमार भी कम पड़ते थे। मगर बदलते समय के साथ लोगों के किचन से मिट्टी के समान कम होते गए और रिन्यूबल चीजें आती गईं। ये यूज करने में तो आसान है लेकिन आपके शरीर को बहुत नुकसान भी पहुंचाती हैं।

अगर आप मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं कर सकते तो इसकी बजाए मिट्टी के तवे पर रोटी बनाकर खाएं। इससे भी आप कई बीमारियों से बचे रहेंगे। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मिट्टी के तवे या बर्तनों में खाना बनाने से आपको क्या-क्या फायदे होते हैं।

क्यों फायदेमंद है मिट्टी के बर्तन?
शायद आप नहीं जानते होगें की एल्युमीनियम बर्तन में खाना पकाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व, पीतल के बर्तन में 7 प्रतिशत पोषक और कांसे के बर्तन में 3 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। मिट्टी के बर्तन ही ऐसे हैं जिनमें खाना बनाने से 100 प्रतिशत पोषक तत्व शरीर को मिलते हैं। इसके अलावा भी मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने या खाना पकाने के कई फायदे हैं।

नहीं खत्म होते हैं माइक्रो न्यूट्रिएंट्स 
मिट्टी के बर्तन में बनी दाल और सब्जी में 100 प्रतिशत माइक्रो न्यूट्रीएंट्स रहते हैं जबकि, प्रेशर कुकर में बनी दाल और सब्जी के 87 प्रतिशत पोषक तत्व एल्युमिनियम के पोषक-तत्वों द्वारा अवशोषित कर लिये जाते हैं। इसलिए अब डाइटिशियन और न्यूट्रिशियन भी मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने की सलाह देने लगे हैं।

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चलिए अब हम आपको बताते हैं मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने के फायदे…

गैस की समस्या से राहत 
मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाने से गैस की समस्या दूर रहती है। दिनभर ऑफिस में बैठने के कारण गैस की परेशानी है तो मिट्टी के तवे पर बनी रोटी खाएं। कुछ ही दिनों में राहत मिलेगी।

बीमारियों से बचाव
मिट्टी के बर्तन खाने में मौजूद किसी भी पोषक तत्व को खत्म होने से रोकते है। जिससे हमारे शरीर को पूरे पोषक तत्व मिलते है, यह पोषक तत्व शरीर को बीमारियों से बचाने का काम करते हैं।

कब्ज से राहत
भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवनशैली के बीच कब्ज की समस्या आम हो गई है क्योंकि आजकल लोग बिजी होने के कारण जल्दी-जल्दी ऑफिस या काम पर जाने के लिए घर का बना खाना भूल जाते है और बाहर से मिलने वाले फॉस्ट फूड्स पर डिपैंड हो चुके है। ऐसे में कब्ज की परेशानी रहती है। अगर आपको भी यह समस्या रहती है तो तवे पर बनी रोटी जरूर खाएं।

पीएच लेवल रहता है बैलेंस
मिट्टी के एल्कलाइन गुण भोजन में उपलब्ध एसिड के साथ प्रक्रिया कर शरीर में चभ् को निष्क्रिय या नियंत्रित करता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है।

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भोजन बनता है ज्यादा टेस्टी
दूसरे बर्तनों के मुकाबले में मिट्टी के बर्तन में बना भोजन टेस्ट में बहुत स्वादिष्ट होता है। मिट्टी के बर्तन में भोजन को बनने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है लेकिन ऐसा खाना कई तरह की बीमारियों से बचाता है।

खाना जल्दी नहीं होता खराब
जो खाना मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है, वह जल्दी खराब नहीं होता। इसकी खास वजह ये है कि खानें को बनने में समय लगता है जिस वजह से खाना ज्यादा देर तक ताजा ही रहता है।
मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर

मिट्टी के बरतनों में खाना पकाने से आपका भोजन अधिक पौष्टिक होता है क्योंकि यह आपके भोजन में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम, सल्फर जैसे मिनरल्स और विटामिन्स को शामिल करता है।

इन बातों का रखें ध्यान
मिट्टी के बर्तन को यूज करने से पहले लगभग 12 घंटे पानी में भिगोकर रखें यानि रात भर इन बर्तनों को पानी में रखें और सुबह सुखाने के लिए रख दें। बड़े बर्तनों को बस पहली बार ही 12 घंटों के लिए भिगोना है और छोटे बर्तनों को जैसे गिलास, कटोरी, दही जमाने की हांडी चम्मच, कप आदि को 6 घंटे भिगोना काफी है। उसके बाद मध्यम आंच पर रखें और इसमें पके पौष्टिक भोजन का आनंद लें।

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