समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। गरीबों का प्रोटीन कहा जाने वाला सत्तू अब तक बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के लोगों के भोजन का अहम हिस्सा था। लेकिन प्रोटीन पाउडर के प्रति युवाओं के बढ़ते क्रेज ने अब देशभर में सत्तू को पॉपुलर बना दिया है। सत्तू किराने की दुकान से लेकर डिपार्टमेंटल स्टोर तक में मिलने लगा है।


सत्तू क्या है?
सत्तू चना, जौ या मटर की दाल को भूनकर पीसा गया एक ऐसा हेल्दी पाउडर है जो तेजी से प्रोटीन पाउडर का विकल्प बनता जा रहा है। सर्दियों में सत्तू पराठा पसंद किया जाता है तो गर्मियों में घोलकर पिया जाता है। कई युवा अब जिम के बाद प्रोटीन पाउडर के बदले सत्तू का घोल पीने लगे हैं।
सत्तू के घोल के फायदे
गर्मियों में सत्तू पीना बहुत फायदेमंद है। ये शरीर में ठंडक बनाए रखने के साथ साथ पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है। सत्तू का पूरा लाभ उठाने के लिए सुबह खाली पेट इसे घोलकर पिएं। सत्तू में काला नमक मिलाकर इसे ज्यादा हेल्दी बनाया जा सकता है। गर्मियों में रोजाना सत्तू पीने से ठंडक और ताजगी का एहसास होता है।
प्रोटीन-आयरन-फाइबर का स्रोत
सत्तू बड़ी तेजी से बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर का विकल्प बनता जा रहा है। ये एक मात्र ऐसा प्रोटीन ड्रिंक है जिसमें आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
मार्केट में मिलने वाले प्रोटीन ड्रिंक को पचाने के लिए उसके साथ फाइबर के रूप में सलाद या फल खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन सत्तू के साथ अलग से फाइबर लेने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि ये खुद फाइबर का भी बेहतरीन स्रोत है।
एसिडिटी-कब्ज से राहत
जिन लोगों को कब्ज या एसिडिटी की तकलीफ रहती है उनके लिए सत्तू बहुत फायदेमंद है। सत्तू में फाइबर की अधिकता से पेट साफ हो जाता है और एसिडिटी की समस्या भी नहीं रहती।
त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
सत्तू एक हेल्दी ड्रिंक है। ये सेहत सुधारने के साथ साथ सुंदरता भी निखारता है। सत्तू में मौजूद पोषक तत्व त्वचा का पोषण कर उसका निखार बढ़ाते हैं। बालों का झड़ना रोककर उन्हें मजबूत और चमकदार बनाते हैं।
दिल की सेहत सुधारे
पहले जहां दिल से जुड़ी बीमारियां बड़ी उम्र में शुरू होती थीं, अब कम उम्र में ही होने लगी हैं। दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए सत्तू का सेवन फायदेमंद है। सत्तू को रोजाना डाइट में शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल बैलेंस रहता है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।
डायबिटीज कंट्रोल करे
जिन लोगों को डायबिटीज है उनके लिए सत्तू का सेवन बहुत फायदेमंद है। सत्तू ज्यादा पौष्टिक होता है। सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद करता है।
हेल्दी समर ड्रिंक
गर्मियों में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। इस मौसम में तली-भुनी चीजों को पचाने में शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। सत्तू में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। सत्तू के घोल में नींबू का रस और काला नमक मिलाने से इसका स्वाद बढ़ता है और पचने में आसानी होती है। सत्तू के घोल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे हेल्दी समर ड्रिंक कहा जाता है।
वजन घटाए
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो अपनी डाइट में सत्तू को शामिल करें। सत्तू में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और जल्दी भूख नहीं लगती। सत्तू का सेवन रोजाना करने से वजन जल्दी घटता है।
सत्तू का स्वाद बढ़ाएं
सत्तू को रोजाना एक ही तरह से नहीं खाना चाहते तो इसकी अलग-अलग डिश ट्राई करें। गर्मियों में शरीर में ठंडक बनाए रखने के लिए सत्तू का घोल पिएं। सुबह के नाश्ते में सत्तू के भरवां पराठा खाया जा सकता है। करेला में सत्तू भरकर भरवां करेला बना सकते हैं। लिट्टी और बाटी में सत्तू भरकर उसे हेल्दी बनाया जा सकता है। किसी भी चीज के पेटिस बनाते समय मिश्रण में सत्तू का आटा मिला लें। सर्दियों में सत्तू का सूप ट्राई किया जा सकता है।
बच्चों को रवा-सत्तू का चीला और डोसा भी बहुत पसंद आता है। सत्तू के आटे में प्यार, टमाटर, लहसुन को बारीक काटकर डालें। इसमें दही और एक चम्मच हरी चटनी मिलाकर सत्तू का डिप बनाएं।
ज्यादा खाने से होता नुकसान
सत्तू को यदि जरूरत से ज्यादा खाया जाए तो पेट खराब हो सकता है। इससे बचने के लिए एक बार में 30 ग्राम सत्तू खाया जा सकता है। आप रोजाना तीन बार सत्तू का सेवन कर सकते हैं। जिन लोगों को गैस की समस्या रहती है उन्हें चने के सत्तू में उतनी ही मात्रा में जौ का सत्तू मिलाकर पीना चाहिए। जरूरत से ज्यादा सत्तू पीने से अपच की समस्या हो सकती है।




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